तस्वीर

मेरी इन बरसती आँखों से,
दिल मे ख़ामोशी छाई है 
ख़ामोशी में मेने कुछ जानी हुई
तमन्नाओ से भरी उसकी
इक तस्वीर बनायीं है
मेरी आँखों मे वो समायी है
जिसकी तस्वीर मेने बनायीं है
उसके खिलके मुस्कुराने से
उसके इस तरह याद आने से
याद कर उसे ही तो मैने
ये प्यारी तस्वीर बनायीं है
और उस तस्वीर को देख
फिर से ये आँख भर आयी है
- दीप्ति

Comments

Anonymous said…
waah waah

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