हमारी जिंदगी

ये हमारी कैसी जिंदगी है
कितने ही लोग मिलते हैं
कितने ही बिछड़ जाते हैं
जो कभी हमारे  अपने ,
तो कभी पराये लगते हैं \
गमो के बादल बरसते हैं
कभी यूँ ही गरजते हैं |
हम इन गमो में गिरते,
गिरते संभलते हैं
कई आँखों मे उतरतें हैं ,
और दिल मे बस जाते हैं ,
वो हमें अपना बनाते हैं
और हमारे बन जाते हैं
बस ऐसी ही जिन्दगी है
ये हमारी कैसी  जिन्दगी है

Comments

Popular posts from this blog

मैं

कोई तो होगा

नयन