तेरी राह

ढूंढा हर किनारा,
हर महफ़िल तलासी,
हर गली ढूंढ़ ली हर राह ,
पर तेरी राह ना मिली |
उस किनारे पे जहाँ ,
हम मिले थे कभी,
वहा जहाँ बीते लम्हे,
गुजरे थे कभी|
ढूंढ़ ली हर राह,
पर तेरी राह ना मिली|
तेरी यादो को ढूंढा,
तेरी बातों को ढूंढा,
तेरे चलने के उन,
पदचिन्हों को ढूंढा,
ढूंढ़ ली हर राह,
पर तेरी राह ना मिली |

Comments

vikas chaudhary said…
feelings of the searching the paradise.........
to b continuted.........
Anonymous said…
मनमोहक ब्लॉग - सुंदर भावात्मक रचना
dpkraj said…
दीप्ती जी
आपकी रचनायें देखी। आपसे निवेदन है कि रोमन लिपि के साथ देवनागरी लिपि में भी शीर्षक लिखा करें। आपको मेरी शुभकामनायें।
दीपक भारतदीप
Layak Singh said…
nice n beautiful thoughts!!!!!!!

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