किसी की आहटों का अहसास
बुझा हुआ सा चेहरा मुरझाये से हालात कहा करते हैं अक्सर कि इंतज़ार रहेगा तुम्हारा चाँद के ढलने से चाँद के उगने तक.. महसूस करती हूँ कभी वो आहटें और कभी कोई आवाज़ जो मेरा नाम ले पुकारती हैं मुझे और कहती हैं कि ये नाम रहेगा सदा मेरे साथ भी मेरे बाद भी.. निश्छल मन में कई संवेदनाएँ होती है जो गहराती हैं अक्सर और बारिश की बूँदों में बह भी जाती हैं ये भावनाओं को भी बहाती हैं और कहती हैं.. ये भावनाएँ रहेगी मेरी तेरी सांसों के मेरी सांसों से मिलने तक । © दीप्ति शर्मा